महाभारत में एक प्रसंग आता है जिसमें भगवान कृष्ण युधिष्ठिर से कहते हैं कि भगवान का नाम लिखे वस्त्र पहनना पाप है।। एक कारण यह है कि भगवान का नाम पवित्र माना जाता है। इस नाम को गंदे या अशुद्ध कपड़ों पर लिखना उचित नहीं माना जाता है। दूसरा कारण यह है कि भगवान का नाम लिखे वस्त्र पहनना कुछ लोगों को अनादरपूर्ण लगता है। वे मानते हैं कि भगवान का नाम हमारे दिल में होना चाहिए, हमारे कपड़ों पर नहीं। तीसरा कारण यह है की हम नित्यकर्म (शौच आदि) भी जाते है जहा जाने से ईश्वर के नाम लिखे वस्त्र के साथ नाम भी जाता है जो की ठीक नहीं
कुछ धार्मिक ग्रंथों में भी इस बात का उल्लेख मिलता है कि भगवान का नाम लिखे वस्त्र नहीं पहनने चाहिए।
आजकल, कुछ लोग भगवान का नाम लिखे वस्त्र पहनना फैशन मानते हैं। वे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि वे भगवान से जुड़े रहना चाहते हैं। किन्तु भगवान का नाम लिखे वस्त्र पहनना केवल दिखावा है।
भगवान का नाम पवित्र है और इसे सम्मान के साथ ही धारण करना चाहिए।
लोग भगवान का नाम लिखे वस्त्र क्यों नहीं पहनना चाहते हैं:
भगवान का नाम पवित्र माना जाता है और इसे गंदे या अशुद्ध कपड़ों पर लिखना उचित नहीं माना जाता है।
नित्यक्रिया और गंदे हाथ लग जाने पर नाम दोष भी लगता है।
कुछ लोगों को भगवान का नाम लिखे वस्त्र पहनना अनादरपूर्ण लगता है।
धार्मिक ग्रंथों में भी इस बात का उल्लेख मिलता है कि भगवान का नाम लिखे वस्त्र नहीं पहनने चाहिए।
कुछ लोग इसे केवल दिखावा मानते हैं।