1. Lifestyle

क्या हमने सच में विकास किया है या विनाश

पहले गांव एकदम सूखे साफ सुथरे रहते थे क्योंकि न तो घरों में कोई टट्टी करता था, न नहाता था, न ही मूतता था।
नहाने के लिए गांव के पास के कुओं, तालाब, नदियों पर जाते थे। पानी घर में सिर्फ पीने के लिए ही होता रहा। बर्तन भी चूल्हे से निकली #राख / #बानी से मांजते थे। गांव की गलियां एकदम सूखी रहती थी।
फिर आया #विकास का दौर।
हगना, मूतना, नहाना, धोना, मोटरसायकिल धोना सब घरों में होने लगा। नालियां बनी और वो भरी गर्मी में भी सड़े पानी से भरी हुई रहने लगी। पहले सालभर में एकाध महीने बारिश के टाइम कभी कभार मच्छर काटते थे आज इतना विकास कर लिया है कि सर्दी के दिनों में भी पंखे चलाकर मच्छर भगाने पड़ते हैं, पर मच्छर हैं कि भागते ही नहीं! पहले चुल्हे पर खाना बनाने से हुए धुएं से ही मच्छर भाग जाते थे तो हमको बताया गया कि ये तो पिछड़ेपन की निशानी है तो हम गैस लियाए, और फिर अब उसी विकास की बदौलत दिल में छेद वाले बच्चे पैदा ले रहे हैं ! और मच्छर भगाने के लिए कोई जहर ले आए, आज वायरल बुखार इतना वायरल हो गया है कि ऐसा कोई घर नहीं छुटा होगा! और हम मुर्ख कह रहे हैं कि हम विकास कर रहे हैं!
क्या आपकी नजर में यही विकास है?

Login

Welcome to Articlebuddies

Brief and amiable onboarding is the first thing a new user sees in the theme.
Join Us