13 दिसंबर, 2023 को, दो लोग बिना किसी अनुमति के नए संसद भवन में घुस गए। ये लोग संसद भवन के मकर द्वार से घुसे, जो सांसदों और अन्य विशेषाधिकृत लोगों के लिए आरक्षित है। इन लोगों को सांसदों ने पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया।
घटना के समय, संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही चल रही थी। घटना के तुरंत बाद, लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
घटना के कारण
घटना के कारणों की अभी तक पूरी तरह से जांच नहीं हो पाई है। लेकिन, प्रारंभिक जांच में पता चला है कि सुरक्षाकर्मियों की लापरवाही से यह घटना हुई है।
सुरक्षाकर्मियों ने इन लोगों की ठीक से जांच नहीं की और उन्हें संसद भवन में जाने दिया। इसके अलावा, सुरक्षाकर्मियों ने इन लोगों को सांसदों और अन्य विशेषाधिकृत लोगों की तरह पहचान लिया और उन्हें रोकने का प्रयास नहीं किया।
घटना के परिणाम
इस घटना ने भारत की संसद की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। 2001 में, संसद में आतंकवादी हमला हुआ था, जिसके बाद संसद की सुरक्षा को काफी कड़ा कर दिया गया था। लेकिन, इस घटना से पता चला कि संसद की सुरक्षा में अभी भी कमियां हैं।
इस घटना के बाद, सरकार ने संसद की सुरक्षा का पुनर्मूल्यांकन करने का फैसला किया है। सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें शामिल हैं:
- संसद भवन के सभी प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा जांच बढ़ाना
- संसद भवन के आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करना
- संसद भवन में तैनात सुरक्षाकर्मियों की संख्या बढ़ाना
इन कदमों से संसद की सुरक्षा में सुधार होने की उम्मीद है। लेकिन, यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि सुरक्षा व्यवस्था को हमेशा मजबूत बनाये रखने के लिए सतत प्रयास करने की जरूरत होती है।
इस घटना के बाद राजनीतिक दलों ने भी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार की सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही है। भाजपा ने भी इस घटना की निंदा की है और कहा है कि सरकार इस मामले की जांच कराएगी।
यह घटना भारत की संसद की सुरक्षा पर एक बड़ा झटका है। सरकार को इस घटना से सबक लेना चाहिए और संसद की सुरक्षा को और अधिक मजबूत बनाना चाहिए।