सालार और डिस्प्रीन…
*सालार भारतीय सिनेमा इतिहास का सबसे बड़ा सिरदर्द है
*फिल्म इतनी बुरी है कि इसे देखने के बाद आप सलमान भाई की ट्यूबलाइट देखकर भी अपना mood फ्रेश कर सकते हैं।
*पुराना ज़माना होता तो ऐसी फिल्म बनाने के जुर्म में डायरेक्टर को हाथी के पैर नीचे कुचलवा दिया जाता
*इस फिल्म देखने से अच्छा है आप कमरा बंद करके तीन घंटे baby shark do do सुन लो
*इस फिल्म को देखने से अच्छा है आप मोहल्ले के बच्चों को बुलाकर उनकी जुएं निकाल लें
*फिल्म देखकर दिमाग खराब करने से अच्छा है आप अपनी जीभ से दीवारों से कली चाट लें
*ये फिल्म नहीं है, बल्कि बिना साइलेंसर का शोर मचाता दूध वाले का मोटरसाइकिल है
*ये पहली फिल्म है जिसमें इंटरवल में पॉपकॉर्न के साथ पानी में घोलकर डिस्प्रिन सर्व की जा रही थी
*ये पहली फिल्म है जिसमें फिल्म ख़त्म होने के बाद लोग शेयरिंग एम्बुलेंस से घर जा रहे थे
*फिल्म की कहानी में शुरू से लेकर आखिर तक ज़बरदस्त suspense है…और सबसे बड़ा सस्पेंस यही है कि फिल्म की कहानी क्या है…
*फिल्म का opening सीन सबसे अच्छा है…जिसमें मुकेश हराने बता रहा था कि वो तंबाकू खाकर मर गया..
और सिर्फ 15 मिनट बाद आपको भी अफसोस होता है कि काश! आप भी तंबाकू खाते होते और फिल्म देखने से पहले मर गए होते।