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Exam में Stress से कैसे बचे

परीक्षा जब सर पर हो तो लगता है कि कुछ याद नहीं आ रहा। थोड़ा और नजदीक पहुचते हैं तो लगता है ये भी रह गया वो भी रहा गया। धीरे-धीरे ये बात गौर करती है कि लगता है नहीं होगा। फिर डर, चिंता, तनाव और दबाव मिलकर आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है।

नींद डिस्टर्ब हो जाती है। कभी ये उठाते हैं कभी वो उठाते हैं। यहां तक आप एक ऐसे ट्रैप में उलझ जाते है जहां सरेंडर की स्थिति पैदा हो जाती। परीक्षा हाल में जब भी आप सरेंडर की स्थिति में बैठते हैं, उत्तर पर लापरवाही से टिक करना शुरू करते हैं। थोड़े भी कठिन सवाल पर आप और भी हताश हो जाते हैं और लड़ाई में हाथ खड़े कर देते हैं। आगे फिर कभी जब आप पीछे मुड़कर पुनर्विचार करते हैं तो अपनी गलती का एहसास होता है लेकिन तब तक चिड़िया चुग गयी खेत हो चुका होता है।

यह उनके लिए है जो पास होने भर की तैयारी कर चुके हैं। जिनकी तैयारी इतनी नहीं है उनके लिए कोई फार्मूला और टिप्स नहीं होता…
याद न आने की बात पर चिंता छोड़िये। परीक्षा में यह मानकर बैठिए कि एक-दो बार पढ़ लिया है। विकल्प देखकर याद आ जायेगा। आदर्श स्थिति की कल्पना को साकार करने की चिंता में रहेंगे तो अव्यवहारिक बात है। इस व्यस्त समय अपने को मस्त रखने के लिए एक-आध घंटे चुपचाप बिना काम के अकेले खुद को समय देकर देखिये। अपनी पिछली सभी तैयारियों पर ध्यान लगाइये। आपने काफी पढ़ रखा है। जो पढ़ा है उसी से पास होना है। जो नहीं पढ़ा है, उसको अब पढ़ नहीं सकते। किये मेहनत का भरोसा रखिये और अधिकतम संतुष्टि का आभास करिये। पर्याप्त संतुष्टि ठीक है प्रेक्टिकल है, पूर्ण संतुष्टि सपना है।
रिलैक्स रहिये। कल तक 10-12 घंटे का कार्यक्रम रखिये। न्यूनतम आवश्यक टारगेट को अलग करके रख लीजिये। उतना हो जाए तो ठीक न भी हो तो अपने साल भर की तैयारी पर भरोसा करके एग्जाम देने बैठिए।

शांत रहिये, संयत रहिये, थोड़ा व्यस्त रहिये और ज्यादा मस्त रहिये…

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