1. Experiences

हमने फेसबुक का सामाजिक जीवन में क्या अभिप्राय समझा :

1- फेसबुक पर कभी भी किसी पाँच_हज़ारी से मित्रता नही करनी चाहिये क्योंकि वे इतने व्यस्त रहते हैं कि आप से संवाद नहीं कर पाते।
2- लोग चटपटे पोस्ट ही पसन्द करते हैं, ज्ञानवर्धक पोस्ट से मित्रों का हाज़मा ख़राब हो जाता है।
3- जो वास्तव में ज्ञानी मित्र हैं वह बस आपकी पोस्ट को टुकुर टुकुर देखते ही रह जाते हैं और आपकी पोस्ट को like करने में अपनी तौहीनी समझते हैं।
4- फेसबुक का असली मजा लेना है तो अपने जान पहचान वोलों और सगे संबंधियों को कभी भी मित्रता सूचि में शामिल नही करना चाहिये।
5- किसी की पोस्ट चोरी करने से पहले उसे like अवश्य कर देना चाहिये। चोरी के पाप धुल जाते हैं।
6- अधिकांश मित्र लंगर खाने वालों की तरह होते हैं।
वह आपकी पोस्ट तो पढ़ेंगे लेकिन न तो like करेंगे और न ही कोई comment करेंगे।
7- सेवारत सरकारी अधिकारी/कर्मचारी फेसबुक का प्रयोग बहुत ही चिहुँक कर करते हैं, जबकि पेंशन और फण्ड पा चुके लोग फर्राटा भरते हैं फ़ेसबुक पर।

बहुत से लोग महज ताका झांकी करने आतें हैं फेसबुक पर।खुद की कोई पोस्ट नहीं डालतें और दूसरों की इनक्वायरी के लिए सारे कमेंट्स खंगाल डालतें हैं।

कुछ को टैग करने की बिमारी होती है तो कुछ को हर किसी भी महिला आई डी से प्रेम होता रहता है।
कुछ पुरूष तो नाइस पिक का मतलब प्रपोजल समझ बैठतें हैं
इसीलिए आज तक ये पाप ना किया हमने और कमेंट भी बहुत कम लोगों की पोस्ट पर करतें हैं

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