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माधुरी दीक्षित और नीलम कोठारी की वर्चस्व की लड़ाई…


जब तक माधुरी दीक्षित की फ़िल्म तेजाब रिलीस नहीं हुई तब तक माधुरी दीक्षित एक नार्मल ऐक्टर्स ही थी और दूसरी तरफ नीलम कोठारी गोविन्दा के साथ एक सफल जोड़ी बनाने में कामयाब हो चुकी थी.. नीलम बेशक उस दौर में माधुरी दीक्षित से बडी अभिनेत्री थी लेकिन माधुरी दीक्षित के पास उसका सेक्रेटी रिक्कू था जिसने T RAMARAO से मिलकर माधुरी दीक्षित को तेज़ाब फ़िल्म दिलवाई.. वो ऐसे जब रिक्कू माधुरी की डेब्यू फिल्म ‘अबोध’ का सर्टिफिकेट लेने ‘राजश्री प्रोडक्शन’ के आफिस में गए तो वहाँ पर उनकी मुलाकात निर्देशक चंदर शेखर यानी N Chandra से हो गई जो उस वख्त अपनी फिल्म ‘तेज़ाब’ के लिए एक हीरोइन ढूंढ रहे थे.. तो रिक्कू ने ही माधुरी का नाम सुझाया था.. फ़िल्म हिट रही और जिसकी वजह से ‘माधुरी दीक्षित’ रातो रात नीलम से बड़ी स्टार बन गई.. ये कैट फाइट उस वख्त सामने आई थी जब ‘खतरों के खिलाड़ी’ फ़िल्म का पोस्टर फाइनल हुआ था तो उस पोस्टर पर ‘माधुरी दीक्षित’ का नाम ‘नीलम’ से बाद में लिखा गया.. तो रिक्कू को ये बात बहुत बुरी लगी तो वो ‘खतरों के खिलाड़ी’ फ़िल्म के निर्देशक T रामाराव से भिड़ गए.. क्योंके रामाराव का कहना था के सीनियोरिटी के हिसाब से ‘नीलम’ का नाम पहले लिखा गया है.. तो रिक्कू ने कहा के सीनियोरिटी के हिसाब से भी ‘माधुरी दीक्षित’ ही सीनियर है क्योंके ‘माधुरी दीक्षित’ की पहली फ़िल्म “अबोध” साल 1984 के अगस्त महीने में रिलीस हुई थी.. जबके ‘नीलम’ की पहली फ़िल्म “जवानी” साल 1984 के दिसंबर महीने में रिलीस हुई थी.. बस इसी बात का प्रूफ लेने रिक्कू राजश्री के आफिस में गए थे.. क्योंके उन्ही के बैनर राजश्री के तले “अबोध” फ़िल्म बनी थी.. बस उसी आफिस में रिक्कू की मुलाकात N Chandra से हो गई और ‘तेज़ाब’ फ़िल्म ‘माधुरी दीक्षित’ को मिल गई.. जिसकी वजह से रिक्कू और ‘माधुरी दीक्षित’ की किस्मत चमक गई.. और T Ramarao की भी आंखें खुल गई फलस्वरूप इसकी वजह से उन्हें माधुरी का नाम नीलम से पहले लिखना पड़ा.. वैसे मैं आपको बता दु दोनों में से मेरी फेवरेट नीलम कोठारी है..

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