1. Short Stories

शादी से तलाक तक का सफर….

अगर आपने हमारी बात नहीं मानी तो हम आप पर घरेलू हिंसा का केस भी कर सकते हैं

आज फिर घर की शांति भंग हो चुकी थी। फिर छोटी सी बात को लेकर भव्या ने हंगामा खड़ा कर दिया। घर के सदस्य एक-एक कर बिना नाश्ता किये ही घर से रवाना हो गए। पर मधु जी कहाँ जाती? उन्हें तो इसी घर में रहना था। आखिर अपनी कड़ी मेहनत से उन्होंने इस घर को बनाया था।
पर अब इस घर में ही उनका रहना बड़ा मुश्किल होता जा रहा था। अब तो घर का माहौल बड़ा बोझिल सा होता जा रहा था। जब से बेटे अजय की शादी हुई है तब से घर का माहौल खुशनुमा होने की जगह बिगड़ता जा रहा है। कारण? उनकी बहू भव्या।

भव्या अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। शुरू से ही न्यूक्लियर परिवार में लाड प्यार में पली बड़ी भव्या को पारिवारिक मूल्यों की पहचान बिल्कुल भी नहीं थी। माता-पिता दोनों ही वर्किंग थे इसलिए भव्या के आगे किसी दूसरे बच्चे की उन्होंने जिम्मेदारी को उठाना ठीक ना समझा।
भव्या ने जब जो कहा वो उसे लाकर दिया। इसलिए वो थोड़ी जिद्दी भी हो चुकी थी। पढ़ाई लिखाई में भी कुछ खास नहीं थी इसलिए मुश्किल से ग्रेजुएशन ही कर पाई। उसे तो सिर्फ सजने धजने का शौक था। परिवार में किस तरह से मिलजुल कर रहना होता है वो उसे कभी आया ही नहीं।
या यूं कहे कि उसके माता-पिता ने उसे कभी सिखाया ही नहीं।
जब उसकी शादी का वक्त आया, तब भी उसने अपने माता-पिता को साफ कह दिया कि वो छोटे परिवार में ही विवाह करके जाना चाहती हैं। इस तरह का लड़का ही देखना जहां लड़का अच्छा पैसा कमाता हो और इकलौता हो। वो देवरानी जेठानी के नाटक झेल नहीं सकती। माता-पिता ने भी इस बात का पूरा ध्यान रखा।
लड़का इकलौता तो मिल जाता लेकिन सास या ननद तो मिलती ही मिलती। शुरू शुरू में तीन चार रिश्तों को तो भव्या ने ठुकरा भी दिया। पर जैसे तैसे उन्होंने भव्या को राजी किया शादी के लिए। ये कहकर कि ननद तो शादी के बाद ससुराल चली जाएगी। फिर चाहे उससे रिश्ता रखो या ना रखो।
और सास का क्या है? एक उम्र के बाद वो भी दुनिया से कुच कर जाएगी। फिर तो सब कुछ तुम्हारा ही है। इसलिए सास और ननद के लिए मना मत करो। तब जाकर भव्या शादी के लिए तैयार हुई थी।
अब जो रिश्ते की शुरुआत ही गलत बातों को दिमाग में रखकर हुई हो, भला वो रिश्ता कितना पनपता है। शादी के दूसरे दिन से ही भव्या का तमाशा शुरू हो गया।
घर में सारे रिश्तेदार मौजूद थे। रीति रिवाज के नाम पर सिर्फ कुलदेवी की पूजा ही हो पाई थी। अभी तो रसोई की रस्म, सुहाग थाल की रस्म और भी कई सारी रस्से बाकी थी। लेकिन रीति रिवाज को बीच में ही छोड़ वो अपने मायके रवाना हो गई थी।
ये कहकर कि उससे ये रीति रिवाज नहीं होंगे। शादी की तैयारी में वो इतना थक चुकी है कि उसे अब आराम की जरूरत है। और यहां इतने लोगों के बीच में उसे आराम नहीं मिलने वाला। और वैसे भी उसका यहां मन नहीं लग रहा।
उसके इस कदम से मधु जी, अजय और अदिति हक्के-बक्के रह गए थे। जब मधु जी ने इस बारे में उसके माता-पिता से बात की तो उन्होंने कहा,

” जी, वो अभी बच्ची है। उसमें इतनी समझ नहीं है। पर आप फिक्र मत कीजिए। हम उसे कल खुद ही छोड़ जाएंगे। आप तो रिश्तेदारों से ये कह दीजिएगा कि पग फेरे की रसम के लिए आई है”
आखिर मधु जी ने यही बहाना बनाकर रिश्तेदारों के सामने अपनी लाज बचाई थी। पर फिर भी रिश्तेदारों में तो खुसूर-फुसुर शुरू हो ही चुकी थी। दूसरे दिन उसके माता-पिता उसे समझा कर खुद ही छोड़ गए।
लेकिन भव्या तो आए दिन नाटक करने लग गई थी। ना उससे घर का काम होता था और ना ही उसे सास और ननद फूटी आंख सुहाती थी। कहाँ तो अकेली रहने के सपने लेकर आई थी, लेकिन यहां तो ये सब संभव नहीं था।
उसे बिल्कुल पसंद नहीं था कि अजय अपनी मम्मी या बहन से बात करें। उन लोगों के साथ समय बिताए। इसलिए वो अजय के पीछे पड़ी रहती थी कि वो अपनी मां और बहन से अलग हो जाए। इसके लिए वो छोटी-छोटी बातों का ही तिल का ताड़ बना देती थी। उसने दो महीने की शादी में ही अजय और उसके घर वालों की नाक में दम करके रख दिया था।

कई बार तो सामान उठा उठा कर फेंकने लग जाती थी। यहां तक कि एक दो बार धमकी भी दे चुकी थी कि वो अजय और उसके परिवार वालों को जेल की हवा खिला देगी।
इसी डर से जब वो एक बार मायके जाकर बैठी थी तो अजय ने हाॅल में एक हिडन सीसीटीवी कैमरा लगवा लिया था। बस इस बारे में भव्या को कुछ नहीं बताया। और मधु जी और अदिति के कमरे में तो वो भूलकर भी जाती तक नहीं थी।
लेकिन आज?
अदिति को अपनी काॅलेज फीस डिपाॅजिट करानी थी। आज लास्ट डेट थी। पर ये बात वो मधु जी से कहना भूल गई। इसलिए सुबह उसने अजय से इस बारे में रिक्वेस्ट करते हुए कहा,
” भाई आज मेरी फीस डिपॉजिट करनी थी। लास्ट डेट है। मम्मी से मैं कहना भूल गई। नहीं तो मम्मी कल ही बैंक से पैसे ले आती। इतने पैसे तो मम्मी घर में नहीं रखती। तुम अभी ऑनलाइन जमा कर दो ना”
” चल, अभी कर देता हूं”
कहकर अजय अपने मोबाइल से फीस डिपॉजिट करने लगा। पर ये बात भव्या ने सुन ली। और बस इसी बात का बतंगड़ बना दिया।
” पैसे क्या पेड़ पर उगते हैं जो जब देखो अपने भाई के सामने हाथ फैलाते हुए मांगने चली आती हो। मेरा पति क्या तुम लोगों को जिंदगी भर पालता रहेगा”
भव्या ने अदिति से कहा।
उसकी बात सुनकर अदिति हैरान रह गई। पर अजय ने कहा,
” कैसी बकवास कर रही हो तुम? वो मेरी छोटी बहन है। अपनी फीस के पैसे ही तो मांग रही है। इतना तो मैं उसे दे ही सकता हूं”
” क्यों? आप क्यों दोगे? छोटी बहन आपकी जिम्मेदारी नहीं है, आपके माता-पिता की जिम्मेदारी है। फीस मंगानी है तो अपनी मम्मी से जाकर मांगे, आपसे नहीं। आपकी कमाई पर सिर्फ और सिर्फ मेरा हक है”
” अच्छा! तुम मुझे पाल पोसकर गई थी जो सारा हक तुम्हारा ही है। इस कमाई पर मेरी मम्मी और बहन का भी उतना ही हक है जितना कि तुम्हारा”
” अगर तुमने फीस डिपॉजिट की तो मैं अपने मायके चली जाऊंगी”
” तुम्हें जो करना है करो। मेरी बहन की पढ़ाई मैं तुम्हारी बकवास के पीछे नहीं छुड़वा सकता”
कह कर अजय ने अदिति की फीस डिपॉजिट कर दी। बस तब से भव्या ने चिल्ला चिल्ला कर हंगामा कर दिया। यहां तक कि अपने माता-पिता को फोन भी लगा दिया। लेकिन उसके मम्मी पापा शहर के बाहर गए हुए थे इसलिए वो अभी नहीं आ पाए। उन्होंने शाम को आने के लिए कहा। बस तब से भव्या अपने कमरे में बंद है। अजय अपने ऑफिस और अदिति अपने कॉलेज रवाना हो गई।
और मधु जी बैठी बैठी अपनी किस्मत पर हैरान हो रही है। क्या सोचकर वो बहू लाई थी। और किस्मत ने कैसी बहू उन्हे दे दी।
खैर, शाम को अजय जब घर पर आया तो भव्या के मम्मी पापा आ चुके थे। और भव्या रो-रोकर उन्हें सुना रही थी कि कैसे उसके ससुराल वाले उसे प्रताड़ित करते हैं। और अजय है कि अच्छा बेटा बना हुआ है। अलग होने का नाम तक नहीं ले रहा। अजय को सामने देखकर उसके पापा ने कहा,
” बेटा, मेरी बेटी भी तो आपकी जिम्मेदारी है। पर वो आपके घर में खुश नहीं है”
” पापा जी इसमें मैं कुछ नहीं कर सकता हूं। आपकी बेटी को सिर्फ अलग होकर रहना है। परिवार के बीच में रहना उसे पसंद नहीं है। जब देखो बस मुझ पर दबाव बनाती रहती है कि मैं अपने परिवार को छोड़कर इसके साथ अलग हो जाऊँ। पर मैं ऐसा कैसे कर सकता हूं। मेरी मां और बहन भी तो मेरी जिम्मेदारी है। पापा है नहीं, कोई दूसरा भाई भी नहीं है जो इनकी जिम्मेदारी उठा सके”
“अरे! तो क्या हमारी बेटी ऐसे ही रोती रहेगी। उसे आप लोग यूं ही परेशान करते रहेंगे”
अचानक भव्या की मम्मी ने कहा।
” हमने ऐसा क्या परेशान कर दिया आपकी बेटी को? बताइए। आपकी बेटी कैसी है ये तो हमसे बेहतर आप जानती है। हमें बताने की जरूरत नहीं”
अजय ने कहा तो भव्या की मम्मी ने उसके पापा की तरफ देखा। तब उसके पापा बोले,
” हमारी बेटी को हमने राजकुमारी की तरह पाला है। उसने जब जो चाहा हमने वो उसे लाकर दिया है। कभी किसी चीज के लिए मना नहीं किया। हमारी बच्ची की आंखों में हमने कभी आंसू भी नहीं आने दिए। लेकिन यहां आकर ये खुश ही नहीं रह पा रही है। अब तो हमें ही कुछ सोचना ही पड़ेगा”
” आपको जो सोचना है आप सोचिए। पर मैंने निर्णय ले लिया है। मैं अपने परिवार से अलग नहीं होऊँगा”
अजय ने अपने निर्णय पर अडिग होते हुए कहा।
” हमारी बेटी हम पर बोझ नहीं हुई है। अभी भी उसको पालने का साहस रखते हैं हम। अब ये यहां एक पल भी नहीं रहेगी। ले जाएंगे हम हमारी बेटी को”
भव्या की मम्मी चिल्लाते हुए बोली।
” जैसी आपकी मर्जी”
अजय ने कहा।
” सोच लो, कानून भी लड़कियों का ही साथ देता है। दहेज उत्पीड़न और घरेलू हिंसा का केस लगा देंगे ना, तब समझ में आएगा”
भव्या की मम्मी अजय को डराते हुए बोली।
” आपको जो केस लगाना है, आप लगाइए। वो तो इस हाॅल में जो सीसीटीवी कैमरा लग रहा है वो बोल ही देगा। और रही बात आपकी बेटी के साथ अलग होने की तो आप भूलकर भी मत सोचिएगा। मैं अपनी मां और बहन को छोड़कर अलग नहीं होऊँगा। इससे बेहतर है आप अपनी बेटी के लिए दूसरा पति ढूंढ लीजिए”
अचानक सीसीटीवी कैमरे की बात सामने आते ही भव्या के मम्मी पापा ने उसकी तरफ देखा। लेकिन भव्या को इस बारे में पता हो तब तो कुछ बोले ना। आखिर उसके मम्मी पापा ने अपनी बातों में नरमी लाते हुए अजय को समझाने की कोशिश की। पर अजय अपनी बात से टस से मस नहीं हुआ।

आखिरकार पैर पटकती हुई भव्या अपने माता-पिता के साथ वहां से अपने मायके रवाना हो ही गई। काफी समय तक अजय के परिवार वालों को डराया धमकाया भी गया। कोर्ट में केस भी चला। उस पर कई झूठे इल्जाम लगाए गए। लेकिन सीसीटीवी के फुटेज ने सब कुछ बोल दिया। बात लंबी खिंचती देखकर खुद भव्या के माता-पिता ने कोर्ट के बाहर ही सेटलमेंट करवा दिया। और अजय और भव्या का तलाक हो गया।

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