वर्तमान समय में तरह तरह के बहुरूपिया सक्रिय हैं, कोई कथावाचक के रूप में तो कोई चमत्कारिक व्यक्ति के रूप में लोगों की धार्मिक भावनाओं को exploit करके नाम, पैसा, वैभव कमा रहा है।
लेकिन अगर आपको हमारे धर्म का मर्म जानना है तो आप श्रीमन प्रेमानंद जी महाराज को जानिए, उन्हें फॉलो कीजिए।
मुझे ये कहने में कोई संकोच नहीं कि मैंने उन्हें तब जाना जब विराट कोहली और अनुष्का शर्मा उनसे मिलने गए, तबसे मैंने उन्हें जानना शुरू किया।
और जबसे मैंने उन्हें पढ़ा, उन्हें सुना तो ये जाना कि महाराज जी वास्तव में सच्चे मायने में संत की परिभाषा को पूरा करते हैं।
उनकी शिक्षाओं में कोई आडंबर नहीं, कोई अंधविश्वास नहीं, वो तार्किक तरीक़े से धर्म के मर्म को समझाते हैं। वो बंगलौर वाले तथाकथित संतों की तरह lavish लाइफ नहीं जीते, नज़ाकत और नफ़ासत भरे लच्छेदार भाषण नहीं देते। वो पैसे वाले भक्त नहीं बनाते, उनके सामने करोड़पति और रोडपति सब बराबर हैं।
हमारे सनातन के सच्चे ध्वजावाहक प्रेमानंद महाराज जैसे संत ही हैं, बाक़ी सब व्यापारी…