1. Experiences

एक नारी हूं मैं … कहानी हर नारी की

सुनो
तुम बहुत मोटी हो , दिन पर दिन फूलती जा रही हो , गाड़ी की पूरी सीट पर अकेले ही बैठती हो
कुछ करती क्यों नहीं , अब क्या फट कर मानोगी , जरा दूसरी लड़कियों को देखो कितनी चुस्त दुरुस्त है

मेरी प्रतिक्रिया ☺️

सुनो
हद्द से ज्यादा दुबली हो तुम , शादी के लिए रिश्ते मिलने मुश्किल हो जाएंगे , आजकल लडको को हष्ट पुष्ट लड़कियां पसंद आती है
देखो तो जरा खुद को कैसी मरीज सी लगती हो

मेरी प्रतिक्रिया☺️

सुनो
कितना गहरा रंग है तुम्हारा , अच्छी क्रीम क्यों नहीं लगाती ताकि तुम भी ओरो की तरह थोड़ी अच्छी दिख सको, धूप में मत बैठो कितनी बार कहा पर तुमने तो जैसे ना सुनने की कसम खा ली हो

मेरी प्रतिक्रिया ☺️

आप कैसी भी हो जाए ,जिन्होंने नुक्स निकालना है वो जरूर निकालेंगे , कुछ नही भी हो कमी फिर भी ढूंढ लेंगे
अरे तुम्हारी नाक मोटी है , देखो तो कितने बदरंग दांत है , बाल भी कितने रूखे है तुम्हारे और भी ना जाने क्या क्या
कोई एक बार कहे तो उसे सलाह या फिक्र कहते है पर कोई बार बार कहे तो उसे ताना मारना कहते है ।

मेरा शरीर है ये ,ईश्वर ने हर किसी को अलग बनाया है और सबकी अपनी काबिलियत है , क्या हुआ अगर मैं मोटी हूं तो , मेरी चमड़ी है और मैं इसी मैं बेहतर महसूस करती हूं

हां तो क्या हुआ अगर थोड़ी काली हूं तो पर मुझमें कई अच्छी बाते भी है , कभी उन्हें भी देखिए , उनकी भी तारीफ कीजिए
हर बार नुक्स निकालना जरूरी है क्या

मैं अच्छा लिखती हूं , मैं अच्छे पद पर हूं, पुरुष से किसी भी बात में कम नहीं ,
क्या इतना काफी नही मुझे अलग समझने और देखने के लिए

जिस घर जाती हूं उस घर को अपना घर बनाती हूं , हर अंजान से भी जान पहचान कर रिश्ता निभाती हूं
कमजोर नही हूं मैं बस तुम्हारी और सबकी सोच जैसी नही हूं पर जैसी भी हूं खुद में सम्पूर्ण हूं
गौरांवित हूं के एक नारी हूं मैं

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