जैसे बिना मांगे विपत्ति आ रही है ऐसे ही बिना मांगे संपत्ति आ जायेगी
जैसे बिना मांगे दुःख भोगना पड़ रहा है ऐसे ही बिना मांगे सुख आ जाएगा। ये सभी हमारे पूर्व जन्म केकर्मो का फल है जो हम अब भोग रहे है आगे ऐसा ना हो और हम सुखी रहे इसके लिए हमें भी से भगवत प्रेम और भगवद नाम का सहारा लेना चाहिए जितना भी हो सके सत्कर्म करने चाहिए अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए ईश्वर को सदैव याद करे। जो भी हमारा जमा है पुण्य और पाप उसके फल हम भोग रहे है अब जो कर रहे है ये नवीन खेती है आपका भजन, ये अभी पकेगी जब आपको फल देगी। आपके प्रत्येक कार्य का फल आपको भोगना होगा कोई भी कार्य करने से पहले सोचे की जब इसका फल मुझे मिलेगा तो मेरा क्यों परिणाम होगा। अभी भी समय है ईश्वर के नाम का जप करे और अपना जीवा सुधारे।
जीवन में जो भी होता है, वह हमारे पूर्व जन्मों के कर्मों का फल होता है। जब हम अच्छे कर्म करते हैं, तो हमें अच्छा फल मिलता है। और जब हम बुरे कर्म करते हैं, तो हमें बुरा फल मिलता है। जब हम दुःख भोग रहे हैं, तो इसका मतलब है कि हमने अपने पिछले जन्मों में कुछ बुरा किया है। और जब हम सुख भोग रहे हैं, तो इसका मतलब है कि हमने अपने पिछले जन्मों में कुछ अच्छा किया है।